पश्चिम बंगाल के भांगड़ और मुर्शिदाबाद में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा की लहर ने राज्य में तनाव पैदा कर दिया। भांगड़ में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पों ने इलाके को अशांत कर दिया, जबकि मुर्शिदाबाद में बीएसएफ की तैनाती से शांति स्थापित हो रही है।
सोमवार को भांगड़ में भारतीय धर्मनिरपेक्ष मोर्चा (आईएसएफ) के समर्थक वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। ये समर्थक रामलीला मैदान में एक रैली में शामिल होने के लिए कोलकाता जा रहे थे, जहां आईएसएफ नेता और भांगड़ विधायक नौशाद सिद्दीकी उन्हें संबोधित करने वाले थे। पुलिस ने इन्हें बसंती हाईवे पर भोजेरहाट के पास रोक लिया, जिससे विरोध प्रदर्शन हिंसक रूप ले लिया।प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड्स को तोड़ने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इस दौरान कई लोग घायल हो गए, और प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया। पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक संपत्तियों को भी नुकसान पहुँचाया और कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगाड़ने की कोशिश की। पुलिस के अनुसार, कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।
आईएसएफ नेता नौशाद सिद्दीकी ने इस हिंसा पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह कानून सिर्फ मुसलमानों पर नहीं, बल्कि हमारे संविधान पर हमला है। हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे।” वहीं, विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उग्र होती भीड़ को नियंत्रित करने में नाकाम रही।दूसरी ओर, मुर्शिदाबाद में जो पहले हिंसा का केंद्र था, वहां स्थिति में धीरे-धीरे सुधार आ रहा है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और स्थानीय निवासियों को सुरक्षा का भरोसा दिया। बीएसएफ के अतिरिक्त महानिदेशक रवि गांधी ने पीटीआई से कहा, “हमने स्थानीय लोगों से बातचीत की है और अब स्थिति सामान्य हो रही है। हम राज्य पुलिस के साथ मिलकर शांति बहाल करने की कोशिश कर रहे हैं।”
मुर्शिदाबाद में स्थिति में सुधार के बाद दुकानों को फिर से खोला गया है और विस्थापित परिवार अपने घरों की ओर लौटने लगे हैं। राज्य पुलिस ने बताया कि अब तक 210 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और शांति बनाए रखने के लिए गश्त बढ़ा दी गई है।मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कालीघाट में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान लोगों से अपील की कि वे शांतिपूर्ण तरीके से अपने विरोध को प्रस्तुत करें और कानून को अपने हाथ में न लें। उन्होंने यह भी कहा, “धर्म के नाम पर किसी भी तरह की हिंसा को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए।”
वहीं, भाजपा नेता सुकांत मजूमदार ने मुर्शिदाबाद के राहत शिविरों का दौरा किया, जहां कई हिंदू परिवार शरण लेने आए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि वक्फ अधिनियम विरोधी प्रदर्शनों के दौरान कुछ कट्टरपंथी ताकतों ने हिंदू परिवारों पर हमले किए और उनकी संपत्ति को नुकसान पहुँचाया।राज्य में बढ़ती हिंसा और शांति व्यवस्था को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार की निष्क्रियता के कारण मुर्शिदाबाद में हालात बिगड़े हैं और उन्होंने मांग की कि 2026 के विधानसभा चुनाव राष्ट्रपति शासन के तहत कराए जाएं। स्थिति अब भी तनावपूर्ण बनी हुई है, और राज्य प्रशासन को उम्मीद है कि बीएसएफ और पुलिस की कोशिशों से शांति स्थापित की जा सकेगी।
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