चंगुर बाबा परिवर्तन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने विदेशी मुद्रा खेल का बड़ा खुलासा किया है। जलालुद्दीन, जिन्हें चंगुर बाबा कहा जाता है, को इस मामले में जेल भेज दिया गया है, जबकि उनकी पत्नी को न्यायिक हिरासत में लिया गया है। ED ने इनके विदेशी मुद्रा लेन-देन और वित्तीय नेटवर्क की जांच की है।
घटना क्या है?
चंगुर बाबा पर आरोप हैं कि उन्होंने धार्मिक परिवर्तन का फायदा उठाकर लोगों को गुमराह किया और अवैध विदेशी मुद्रा का कारोबार किया। ED ने सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार किया। जांच में पता चला कि विदेशी मुद्रा के आयात, निर्यात और प्रेषण के लिए एक जाल तैयार किया गया था।
कौन-कौन जुड़े?
इस मामले के मुख्य दोषी हैं:
- जलालुद्दीन alias चंगुर बाबा
- उनकी पत्नी
जांच एजेंसियों का कहना है कि गिरोह में अन्य सदस्य भी हो सकते हैं, जिन पर कार्रवाई जारी है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), संगठित अपराध शाखा, और ED की टीमें मिलकर इस मामले की जांच कर रही हैं।
आधिकारिक बयान और दस्तावेज
ED की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि जलालुद्दीन ने विदेशी मुद्रा नियमों का उल्लंघन किया और अवैध तरीके से बड़ी रकम का लेन-देन किया। संसदीय समिति में भी वित्त मंत्रालय ने विदेशी मुद्रा नियंत्रण में सख्ती की बात कही। अदालत ने दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया।
पुष्टि-शुदा आँकड़े
- लगभग 50 करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी मुद्रा का अवैध लेन-देन किया गया।
- मामले की जांच में 5 प्रवर्तन अधिकारी शामिल हैं।
- विदेशी मुद्रा नियंत्रण कानून के तहत कड़ी कार्रवाई की गई।
तत्काल प्रभाव
इस घटना के सार्वजनिक होने से सामाजिक और आर्थिक स्तर पर प्रभाव पड़ा है:
- स्थानीय समुदायों में धार्मिक सद्भाव के प्रति अलर्ट जारी हुआ।
- आर्थिक बाजार में विदेशी मुद्रा के अवैध कारोबार को लेकर सतर्कता बढ़ी।
- सरकार ने व्यापारिक संगठनों को नियमन का पालन करने की हिदायत दी।
प्रतिक्रियाएँ
- सरकार ने कहा कि किसी भी कानूनी उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
- वित्त मंत्री ने अवैध विदेशी लेन-देन की जड़ काटने का आश्वासन दिया।
- विपक्ष ने कड़ी सजा की मांग की और कार्रवाई का समर्थन किया।
- विशेषज्ञों ने बताया कि यह कदम वित्तीय प्रणाली की पारदर्शिता के लिए आवश्यक है।
आगे क्या?
ED ने कहा है कि जांच अभी पूरी नहीं हुई है और अन्य संदिग्धों की पहचान जारी है। आगामी महीनों में और खुलासे हो सकते हैं। न्यायालय में सुनवाई जारी है। वित्त मंत्रालय और ED मिलकर विदेशी मुद्रा नियंत्रण को और प्रभावी बनाएंगे।
केन्द्र सरकार इस मामले की निगरानी सीधे कर रही है और राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियां भी सतर्क हैं। पूरी जांच तथा न्यायिक प्रक्रिया के तहत आरोपी व्यक्तियों की सजा सुनिश्चित की जाएगी।
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