भारतीय नौसेना ने INS कवरेत्ती से देश में विकसित ERASR एंटी-सबमरीन रॉकेट का सफल परीक्षण किया है। यह सफलता भारत की समुद्री सुरक्षा क्षमता को और मजबूत करेगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि पर गर्व जताते हुए कहा कि ERASR सिस्टम की शुरुआत नौसेना की प्रहार शक्ति को बढ़ावा देगी।
ERASR रॉकेट की विशेषताएं
- स्वदेशी तकनीक: यह रॉकेट पूरी तरह से भारत में विकसित की गई तकनीक पर आधारित है।
- समुद्री सुरक्षा: इसे समुद्र में दुश्मन की पनडुब्बियों का पता लगाने और उन्हें निशाना बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- क्षेत्रीय बढ़त: नौसेना को क्षेत्रीय सुरक्षा में बढ़त मिलेगी जिससे समुद्री खतरों का मुकाबला प्रभावी होगा।
INS कवरेत्ती और भारतीय नौसेना की ताकत
INS कवरेत्ती, भारत की एक सुपरसोनिक युद्धपोत, से ERASR रॉकेट का परीक्षण यह दर्शाता है कि नौसेना की युद्धक क्षमता अत्याधुनिक स्तर पर है। इस सफलता से भारतीय रक्षा उद्योग को भी काफी बढ़ावा मिलेगा।
महत्वपूर्ण प्रभाव
- भारतीय नौसेना की सामरिक तत्परता बढ़ेगी।
- समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहन मिलेगा।
- देश की रक्षा क्षमता और तकनीकी विकास को बल मिलेगा।
भारत सरकार समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने पर विशेष ध्यान दे रही है। इस उपलब्धि से भारत का रक्षा और सुरक्षा ढांचा और भी मजबूत होगा।
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