June 16, 2025

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ISRO के मिशन में छुपा रहस्य: क्या तकनीकी खराबी ने रोक दिया था एक बड़ा बदलाव?

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने हाल ही में अपने 101वें मिशन के तहत पृथ्वी अवलोकन उपग्रह ईओएस-09 को श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया। यह प्रक्षेपण पीएसएलवी-सी61 रॉकेट के माध्यम से सुबह 5:59 बजे किया गया। ईओएस-09 उपग्रह का उद्देश्य कृषि, वानिकी, आपदा प्रबंधन, शहरी नियोजन और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरें उपलब्ध कराना था।

हालांकि, प्रक्षेपण के कुछ ही मिनटों बाद तीसरे चरण में तकनीकी खराबी आ गई, जिससे उपग्रह को निर्धारित कक्षा में स्थापित नहीं किया जा सका।

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तकनीकी खराबी का प्रभाव

ISRO प्रमुख वी नारायणन ने इस समस्या की पुष्टि करते हुए कहा कि वैज्ञानिक इस खराबी का विश्लेषण कर रहे हैं और मिशन पूरी तरह सफल नहीं हो पाया। इसके कारण, उपग्रह के उद्देश्य को फिलहाल पूरा नहीं किया जा सका है, जो देश की कुछ अहम योजनाओं के लिए प्रभावशाली साबित हो सकता था।

ईओएस-09 उपग्रह के प्रमुख तथ्य

  • वजन: लगभग 1,696 किलोग्राम
  • डिजाइन अवधि: 5 वर्ष
  • मुख्य उद्देश्य: कृषि निगरानी, आपदा प्रबंधन, वानिकी, शहरी नियोजन, राष्ट्रीय सुरक्षा

ISRO की अगली पहल और उम्मीदें

इसरो की टीम इस समस्या को समझने और इसका समाधान निकालने में लगी हुई है। भविष्य में इस मिशन से उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरों के माध्यम से देश में:

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  1. आपदा प्रबंधन में क्रांतिकारी बदलाव
  2. कृषि निगरानी में सुधार
  3. राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहतर संसाधन

जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र लाभान्वित होने की संभावना थी, लेकिन फिलहाल यह प्रक्रिया रुक गई है। जल्द ही इसरो द्वारा विस्तृत जानकारी और भविष्य की योजनाएं साझा की जाएंगी।

अधिक नवीनतम अपडेट्स और जानकारी के लिए क्वेस्टिका भारत पर नजर बनाए रखें।

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