18 जनवरी, 2025, कोच्चि: केरल उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (NDPS एक्ट) के तहत मैजिक मशरूम को मादक पदार्थ नहीं माना जाता है।
अदालत ने बेंगलुरु के एक व्यक्ति को जमानत दे दी, जिसे मैजिक मशरूम से संबंधित ड्रग के आरोप में 90 दिनों तक हिरासत में रखा गया था। अदालत का फैसला इस तर्क पर आधारित था कि मैजिक मशरूम न तो अनुसूचित मादक पदार्थ हैं, न ही साइकोट्रोपिक पदार्थ और न ही NDPS अधिनियम के तहत परिभाषित मिश्रण हैं।
राहुल राय को 4 अक्टूबर को त्रिशूलरी से मनंतवडी आबकारी अधिकारियों ने 6.59 ग्राम चरस, 13.2 ग्राम गांजा, 226 ग्राम साइलोसाइबिन युक्त मैजिक मशरूम और 50 ग्राम साइलोसाइबिन युक्त मैजिक मशरूम कैप्सूल के साथ गिरफ्तार किया था।
जब्त किए गए जादुई मशरूम की मात्रा और उसके कैप्सूल का कुल वजन 276 ग्राम था, लेकिन अभियोजन पक्ष ने कभी भी संदिग्ध मशरूम में साइलोसाइबिन की मात्रा निर्धारित नहीं की थी। न्यायालय द्वारा किया गया संदर्भ कर्नाटक और मद्रास उच्च न्यायालयों के पूर्व आदेशों का है, इन दोनों में उक्त दृष्टिकोण लागू है।
यह निर्णय मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा 28 नवंबर, 2024 को पारित एक निर्णय से सहमत है, जिसमें न्यायालय ने फैसला सुनाया था कि जादुई मशरूम अपने आप में प्रतिबंधित नहीं हैं और उन्हें केवल तभी प्रतिबंधित माना जाता है जब उनमें साइलोसाइबिन हो। निर्णय के अनुसार, जादुई मशरूम मादक दवाओं या मनोदैहिक पदार्थों का तटस्थ पदार्थों के साथ मिश्रण नहीं है और इसे एनडीपीएस अधिनियम के तहत तैयार करके बनाया गया मिश्रण नहीं माना जा सकता है। अधिक अपडेट के लिए क्वेस्टीका इंडिया और क्वेस्टीका भारत पढ़ते रहें।
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