26 अप्रैल 2025 | पहलगाम, जम्मू और कश्मीर
मंगलवार को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम के बैसरन घाटी में आतंकवादियों ने पर्यटकों पर गोलीबारी की। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हमले में 28 लोगों की जानें गईं, जो कि 2019 के पुलवामा हमले के बाद इस क्षेत्र में हुआ सबसे भीषण हमला है जाना जा रहा है |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक बुलाई और हालात का जायज़ा लिया। बैठक के बाद, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने घोषणा की कि भारत 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करेगा और अटारी पर एकीकृत चेकपोस्ट को बंद करेगा। इसके अतिरिक्त, पाकिस्तानी नागरिक अब सार्क वीज़ा छूट योजना के तहत भारत की यात्रा के पात्र नहीं होंगे। मिस्री ने कहा कि इस हमले के स्पष्ट रूप से सीमा पार से जुड़े सबूत हैं। उन्होंने बताया कि CCS ने इस हमले का कड़ा विरोध किया है, गहरी निंदा व्यक्त की है और शोकसंतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त की हैं। समिति ने सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की।
माइकल रूबिन ने ANI से बातचीत में तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को कानूनी रूप से आतंकवाद को प्रायोजित करने वाला राज्य घोषित किया जाना चाहिए और पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर को आतंकवादी के रूप में नामित किया जाना चाहिए। रूबिन ने कहा कि ओसामा बिन लादेन और असीम मुनीर में रहने के स्थान का ही अंतर है। उन्होंने कहा कि मुनीर के हालिया भाषण आतंक फैलाने के लिए प्रेरणा दे रहे हैं और भारत को अब बिना किसी झिझक के कड़े कदम उठाने चाहिए।
रूबिन ने पहलगाम हमले का उपमा 7 अक्टूबर 2023 को इज़राइल पर हमास के हमले की बनाया है। उनके समझ में, पाकिस्तान भी उसी रणनीति पर है — निर्दोष नागरिकों पर हमला कर डरपना। रूबिन का शुभकामना है कि भारत पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के खिलाफ इज़राइल ने हमास के खिलाफ की हुई उसी तरह की कार्रवाई करे। उन्होंने कहा कि भारत को ISI के नेतृत्व के खिलाफ हमला करना चाहिए और इसे मिटाना चाहिए।
रूबिन ने एक बात यह भी कही कि हमला का समय कोई संयोग नहीं था। उनके हिसाब से, पाकिस्तान ने सोच-समझकर यह हमला किया ताकि अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस की भारत यात्रा से ध्यान भटकाया जा सके। उन्होंने इसका तुलना उस घटना से की जब राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की भारत यात्रा के दौरान भी एक आतंकी हमला हुआ था, यह संकेत देते हुए कि पाकिस्तान पहले भी इस तरह के हथकंडे अपना चुका है। रूबिन ने अमेरिका से आग्रह किया कि वह पाकिस्तान की आतंकवाद समर्थक भूमिका की अनदेखी न करे।
इस हमले ने पूरे भारत में जबरदस्त आक्रोश पैदा कर दिया है। जनता सरकार से सख्त और त्वरित कार्रवाई की मांग कर रही है। निर्दोष नागरिकों की इस निर्मम हत्या ने सीमा पार आतंकवाद और उसमें पाकिस्तान की भूमिका को लेकर एक बार फिर से तीव्र मांगें खड़ी कर दी हैं। भारत के हालिया कदम — जल संधि निलंबन और सीमा बंद करना — एक सख्त और निर्णायक प्रतिक्रिया को दर्शाते हैं। अब पूरी दुनिया उत्सुकता से देख रही है कि पाकिस्तान इस पर किस तरह प्रतिक्रिया देगा।
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