25 मार्च, नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को अप्रैल के दूसरे सप्ताह में नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल सकता है। पार्टी के सूत्रों के अनुसार, यह फैसला बेंगलुरु में हुई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तीन दिन की बैठक के बाद लिया गया है। इस बैठक के तुरंत बाद भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। माना जा रहा है कि इस मुलाकात में पार्टी के नए अध्यक्ष को लेकर चर्चा हुई।
RSS की बैठक में नड्डा ने संघ के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की। इसके बाद प्रधानमंत्री से उनकी बातचीत बताती है कि पार्टी के भविष्य और संगठन को लेकर बड़े फैसले लिए जा सकते हैं।
नड्डा का कार्यकाल और नया अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया
जे.पी. नड्डा जनवरी 2020 में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे। आमतौर पर इस पद का कार्यकाल तीन साल का होता है, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए नड्डा का कार्यकाल बढ़ा दिया गया था। अब जब चुनाव खत्म हो चुके हैं, तो पार्टी नए अध्यक्ष की घोषणा करने की तैयारी में है।
भाजपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले, पार्टी की कम से कम आधी राज्य इकाइयों के चुनाव पूरे होने जरूरी होते हैं। दिसंबर 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 60% राज्यों में यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी। अब यह प्रक्रिया राष्ट्रीय नेतृत्व बदलाव की ओर बढ़ रही है।
कौन बन सकता है नया भाजपा अध्यक्ष?
भाजपा अध्यक्ष पद के लिए कई बड़े नाम सामने आ रहे हैं। इनमें केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, जो संगठन को अच्छी तरह से संभालते हैं, और मनसुख मांडविया, जो प्रशासनिक क्षमता के लिए जाने जाते हैं, प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं। इसके अलावा, पार्टी संगठन से जुड़े अन्य वरिष्ठ नेताओं के नाम भी चर्चा में हैं।
भाजपा और RSS का मिलकर फैसला
भाजपा में अध्यक्ष का चयन RSS के साथ विचार-विमर्श के बाद ही होता है। इससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि नया नेता पार्टी की विचारधारा को आगे बढ़ाए और रणनीतिक लक्ष्यों को पूरा करे। बेंगलुरु में हुई बैठक और फिर दिल्ली में चर्चा इस बदलाव की तैयारी को दर्शाती है।
नए अध्यक्ष के सामने चुनौतियां
भाजपा ने 2024 के लोकसभा चुनावों में जीत हासिल की है, लेकिन अब पार्टी को आगे की रणनीति बनानी होगी। नए अध्यक्ष की जिम्मेदारी होगी कि वह संगठन को और मजबूत करे और आगामी राज्यों के चुनावों में पार्टी को जीत दिलाने के लिए रणनीति बनाए।
राज्यों में भी हो रहा बदलाव
राज्य स्तर पर भी भाजपा नए नेताओं को जिम्मेदारी दे रही है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर और झारखंड में या तो नए अध्यक्ष बनाए जा चुके हैं या प्रक्रिया चल रही है। यह दिखाता है कि भाजपा नेतृत्व को मजबूत करने और संगठन को सक्रिय बनाए रखने पर जोर दे रही है।
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