June 16, 2025

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श्रीलंकाई नौसेना की कर्रवाई: 150 भारतीय मछुआरे गिरफ्तार, तनाव बढ़ा

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7 मार्च: श्रीलंकाई नौसेना द्वारा भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी का मुद्दा हाल के वर्षों में भारत और श्रीलंका के बीच एक संवेदनशील और विवादास्पद विषय बना हुआ है। 2025 की शुरुआत से अब तक, श्रीलंकाई नौसेना ने अवैध रूप से उनके जलक्षेत्र में मछली पकड़ने के आरोप में लगभग 150 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया है, साथ ही 18 मछली पकड़ने वाली नौकाओं को भी जब्त किया है।

हाल की घटनाएँ:

  • 23 फरवरी 2025: श्रीलंकाई अधिकारियों ने मन्नार के उत्तर में समुद्री क्षेत्र में एक विशेष अभियान के दौरान 32 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया और उनकी पांच नौकाएँ जब्त कीं।
  • 27 जनवरी 2025: श्रीलंकाई नौसेना ने अवैध रूप से मछली पकड़ने के आरोप में 34 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया और उनकी तीन ट्रॉलर नौकाएँ जब्त कीं।
  • 12 जनवरी 2025: 12 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया गया और उनकी दो मछली पकड़ने वाली नौकाएँ जब्त की गईं।

भारत की प्रतिक्रिया:

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इन घटनाओं के बाद, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर श्रीलंकाई अधिकारियों द्वारा पकड़े गए तमिलनाडु के मछुआरों और उनकी मछली पकड़ने वाली नौकाओं की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक राजनयिक प्रयास करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि 2023 के दौरान, श्रीलंकाई नौसेना ने 243 मछुआरों को गिरफ्तार किया और 37 नावें जब्त कीं।

मुद्दे की पृष्ठभूमि:

भारत और श्रीलंका के बीच मछुआरों का मुद्दा लंबे समय से विवाद का विषय रहा है। दोनों देशों के मछुआरे अक्सर अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (IMBL) को पार करते हुए एक-दूसरे के जलक्षेत्र में प्रवेश कर जाते हैं, जिससे गिरफ्तारियों और तनाव की स्थिति उत्पन्न होती है। श्रीलंकाई जलक्षेत्र में अवैध रूप से मछली पकड़ने के आरोप में भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी की घटनाएँ नियमित रूप से सामने आती रही हैं।

आर्थिक और सामाजिक प्रभाव:

इन गिरफ्तारियों का तमिलनाडु के मछुआरा समुदाय पर गहरा आर्थिक और सामाजिक प्रभाव पड़ता है। मछुआरों की गिरफ्तारी से उनकी आजीविका प्रभावित होती है, जिससे उनके परिवारों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा, मछली पकड़ने वाली नौकाओं की जब्ती से मछुआरा समुदाय को लंबे समय तक आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है।

संभावित समाधान:

इस मुद्दे के स्थायी समाधान के लिए दोनों देशों के बीच संवाद और सहयोग आवश्यक है। संयुक्त कार्य समूह की बैठकें आयोजित करके मछुआरों की समस्याओं का समाधान खोजा जा सकता है। इसके अलावा, मछुआरों को अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा के प्रति जागरूक करना और उन्हें आधुनिक नेविगेशन उपकरण प्रदान करना भी महत्वपूर्ण है, ताकि वे अनजाने में सीमा का उल्लंघन न करें।

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अंततः, भारत और श्रीलंका के बीच मछुआरों के मुद्दे का समाधान दोनों देशों के बीच मजबूत कूटनीतिक प्रयासों, मछुआरा समुदाय की भागीदारी, और सतत मछली पकड़ने की प्रथाओं को अपनाने से ही संभव हो सकता है।

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