कोलकाता की एक अदालत ने गुरुवार, 10 जून को सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट के मामले में वाजाहत खान की जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने उन्हें 16 जून तक पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया है। वाजाहत खान पर आरोप है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर ऐसे बयान दिए, जो धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाले हैं।
इस मामले की शुरुआत 1 जून को हुई थी, जब खान के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर “रैपिस्ट कल्चर” और “यूरिन ड्रिंकर्स” जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया, जो कई लोगों की धार्मिक आस्थाओं को आहत कर सकते हैं। पुलिस ने बताया कि यह बयान समाज में नफरत फैलाने और धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाले हैं।
खान पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। इनमें धारा 196(1)(a) (विवादित सार्वजनिक अभियोग), 352 (जानबूझकर उपदेश), 299 (धार्मिक भावनाओं को आहत करने) और 353(1)(c) (भीड़ को उत्तेजित करने) शामिल हैं।
गौरतलब है कि वाजाहत खान ने 15 मई को एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पानोली के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। पानोली ने पाकिस्तान से जुड़े एक वीडियो को पोस्ट किया था, जिसे धार्मिक रूप से आपत्तिजनक माना गया। इसके बाद 30 मई को पानोली को गिरफ्तार कर लिया गया था।
हालांकि, पानोली की गिरफ्तारी के बाद खुद खान पर भी सवाल उठने लगे। पुलिस ने उन्हें पूछताछ के लिए तीन बार समन भेजा, लेकिन वह पेश नहीं हुए। इसके बाद पुलिस ने अन्य स्थानों से उनकी तलाश शुरू की और आखिरकार 9 जून को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस ने अदालत से खान को हिरासत में देने की माँग की, यह कहते हुए कि उन्होंने कुछ आपत्तिजनक पोस्ट अपने सोशल मीडिया अकाउंट से हटा दिए हैं। पुलिस का मानना है कि हिरासत के दौरान वे इन डिजिटल साक्ष्यों की बरामदगी कर पाएंगे और जांच को आगे बढ़ा सकेंगे। साथ ही, हरियाणा और असम पुलिस ने भी वाजाहत खान के खिलाफ वारंट जारी किया है और वे भी कोर्ट में उपस्थित थे, जिससे साफ है कि यह मामला अब कई राज्यों तक पहुँच गया है।
संक्षेप में, वाजाहत खान पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाले पोस्ट करने का आरोप है। अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया है और पुलिस को यह मौका मिला है कि वह उनसे पूछताछ कर डिजिटल सबूत इकट्ठा करे और मामले की गहराई से जांच कर सके। अधिक खबरों के लिए पढ़ते रहें क्वेस्टिका भारत |
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