असम के अरनी एस हजारीका ने विश्व प्रसिद्ध ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से संस्कृत और क्लासिकल हिंदी में स्नातक (बीए) की डिग्री हासिल कर इतिहास रच दिया है। वे असम और पूरे पूर्वोत्तर भारत के पहले छात्र हैं जिन्होंने इस क्षेत्र में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से यह उपलब्धि प्राप्त की है।
घटना क्या है?
अरनी एस हजारीका ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से संस्कृत एवं क्लासिकल हिंदी में बीए की पढ़ाई पूरी की, जो उनकी अथक मेहनत और अध्ययन की लगन का परिणाम है। यह उपलब्धि न केवल उनकी व्यक्तिगत सफलता है बल्कि भारतीय भाषाओं की महत्ता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने में भी सहायक है।
कौन-कौन जुड़े?
- अरनी एस हजारीका: मुख्य पात्र और छात्र जिनकी मेहनत से यह सफलता संभव हुई।
- परिवार और शिक्षक: जिन्होंने अरनी को समर्थन और मार्गदर्शन प्रदान किया।
- ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय: जिसकी शिक्षा प्रणाली और वातावरण ने अरनी की सफलता में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आधिकारिक बयान
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा जारी एक आधिकारिक वक्तव्य में अरनी की भाषा संबंधित दक्षता और अध्ययन की लगन की प्रशंसा की गई है। विश्वविद्यालय ने कहा है कि उनकी उपलब्धि सभी छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
तत्काल प्रभाव
- संस्कृत और हिंदी भाषाओं के अंतरराष्ट्रीय प्रचार-प्रसार को बढ़ावा।
- पूर्वोत्तर क्षेत्र के छात्रों के लिए विदेशी विश्वविद्यालयों में भाषाई अध्ययन को प्रोत्साहन।
- भारतीय सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण तथा सम्मान में महत्वपूर्ण योगदान।
प्रतिक्रियाएँ
सरकार, शिक्षा जगत और छात्र समुदाय ने अरनी की इस उपलब्धि की सराहना की है। विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे भाषा अध्ययन को अधिक बढ़ावा मिलेगा और सांस्कृतिक ज्ञान का विस्तार होगा।
आगे क्या?
अरनी भविष्य में इस क्षेत्र में उच्च शिक्षा और अनुसंधान जारी रखेंगे। साथ ही, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में भारतीय भाषाओं को और विकसित करने के लिए नई पहल की उम्मीद है।
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