ईद-ए-मिलादुन्नबी, जिसे मिलादुन्नबी भी कहा जाता है, इस्लाम धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो पैगंबर मोहम्मद साहब के जन्मदिन की याद में मनाया जाता है। यह उत्सव हर साल इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे महीने रबीउल अव्वल में पड़ता है। वर्ष 2025 में भी हिन्दुस्तान समेत पूरी दुनिया में मुसलमान इस पावन अवसर को धूमधाम से मनाएंगे।
घटना क्या है?
ईद-ए-मिलादुन्नबी पैगंबर मोहम्मद साहब के जन्मदिवस का जश्न है। इस दिन मस्जिदों, गुरुद्वारों और इस्लामी संस्थानों में विशेष नमाज और दुआएं पढ़ी जाती हैं। साथ ही धार्मिक व्याख्यान, कत्था और सत्संग आयोजित किए जाते हैं। यह त्योहार इस्लामी भाईचारे, शांति और आध्यात्मिक पुनरुत्थान का प्रतीक है।
कौन-कौन जुड़े?
देश में कई इस्लामी स्कालर, मौलाना, धार्मिक समुदाय, अध्यापक और सामाजिक संगठन मिलादुन्नबी के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करते हैं। केंद्र और राज्य सरकारें इस अवसर पर मुस्लिम समुदाय को शुभकामनाएं देती हैं। विभिन्न पुलिस विभाग सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करते हैं ताकि उत्सव शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित ढंग से मनाया जा सके।
आधिकारिक बयान तथा कार्यक्रम
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इस वर्ष भी मुसलमानों को ईद-ए-मिलादुन्नबी की बधाई दी है। मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि यह त्योहार सहिष्णुता और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने में मदद करता है। साथ ही, विभिन्न राज्य सरकारों ने अपने-अपने स्तर पर स्थानीय कार्यक्रम और सार्वजनिक अवकाश की घोषणाएं की हैं।
पुष्टि-शुदा आँकड़े
- भारत में मुसलमानों की संख्या लगभग 14 प्रतिशत है, जो बड़ी संख्या में मिलादुन्नबी के उत्सव में भाग लेते हैं।
- इस्लामी कैलेंडर के अनुसार, यह त्यौहार हर साल 12 रबीउल अव्वल को मनाया जाता है।
- 2025 में यह दिन लगभग 15 सितंबर को पड़ने की संभावना है।
तत्काल प्रभाव
मुस्लिम समुदाय के लिए यह दिन धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। देश भर के बाजारों और धार्मिक केंद्रों में सजावट और खरीदारी का दौर भी शुरू हो जाता है। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ होता है। साथ ही, सार्वजनिक स्थलों पर शांतिपूर्ण आयोजन को लेकर पुलिस और प्रशासन की तैयारी सख्ती से की जाती है।
प्रतिक्रियाएँ
- सरकार ने सभी नागरिकों से सामाजिक सद्भाव बनाए रखने का आह्वान किया है।
- विपक्षी नेताओं ने भी त्योहार की खुशियों में शामिल होकर एकता का संदेश दिया।
- इस्लामी विद्वानों ने बताया कि ईद-ए-मिलादुन्नबी प्रेम, करुणा और मानवता की सीख देता है, जिसे सभी धर्मों के लोग समझ सकते हैं।
- उद्योग जगत से जुड़ी संस्थाओं ने भी उत्सव के अवसर पर विशेष ऑफर्स और दान कार्यक्रमों की घोषणा की है।
आगे क्या?
सरकार आने वाले वर्षों में भी ऐसे सांस्कृतिक-धार्मिक आयोजनों को बढ़ावा देने और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने के लिए कार्यक्रम आयोजित करेगी। आगामी 2026 की ईद-ए-मिलादुन्नबी के लिए तैयारियां प्रारंभ हो जाएंगी, जिसमें सामुदायिक सहयोग को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दिया जाएगा।
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