भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी सख्त नीति के तहत एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस पहल के अंतर्गत, भारत ने सात बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडलों को रूस और अन्य देशों में भेजा है। इन प्रतिनिधिमंडलों का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान के आतंकवाद से जुड़े संदर्भों और उसकी मानसिकता को विश्व स्तर पर उजागर करना है।
ये प्रतिनिधिमंडल भारत सरकार की जानी-मानी ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को प्रस्तुत करेंगे और विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों तथा आम जनता के बीच पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों के प्रति जागरूकता बढ़ाएंगे। यह कदम भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सही जानकारी देने की दिशा में एक बड़ी पहल माना जा रहा है।
प्रमुख बिंदु
- पाकिस्तान की आतंकवादी मानसिकता और उसके जुड़ाव को विश्व स्तर पर सामने लाना।
- विभिन्न राजनीतिक दलों के सदस्यों की भागीदारी के साथ एकजुटता दर्शाना।
- अंतरराष्ट्रीय मंच पर आतंकवाद के खिलाफ भारत की मुहिम को और प्रभावी बनाना।
- अंतरराष्ट्रीय समुदाय में आतंकवाद विरोधी सहानुभूति और दबाव बढ़ाना।
भारत का मानना है कि यह समय आ चुका है जब आतंकवाद के खिलाफ सत्य को बिना किसी भय के उजागर किया जाए। इस प्रकार, यह पहल न केवल आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक रणनीति को दर्शाती है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी एक गंभीर संकेत देती है कि आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देशों के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई आवश्यक है।
यह अभियान एक व्यापक प्रयास है जो आतंकवाद के खिलाफ भारत की प्रतिबद्धता और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को दर्शाता है। कृपया नवीनतम अपडेट्स के लिए हमारे साथ बने रहें।
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