जयपुर में हुए हाल के घटनाक्रमों के संदर्भ में, भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने डोनाल्ड ट्रंप के संघर्ष विराम वार्ता में योगदान के दावे पर स्पष्ट जवाब दिया है। इस विवादास्पद बयान ने भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनावपूर्ण संबंधों पर नई बहस को जन्म दिया है।
डोनाल्ड ट्रंप के दावों पर धनखड़ की प्रतिक्रिया
डोनाल्ड ट्रंप ने 10 मई को भारत-पाकिस्तान के संघर्ष विराम वार्ता में अपने योगदान और व्यापार समझौते की पेशकश का दावा किया था। इसके जवाब में, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि:
- भारत पर किसी भी बाहरी शक्ति का दबदबा स्वीकार्य नहीं है।
- देश के निर्णय स्वतंत्र और संप्रभु हैं।
- भारत अपनी नीतियों और आंतरिक मामलों में किसी भी प्रकार की बाहरी दखलंदाजी को बर्दाश्त नहीं करेगा।
संघर्ष विराम वार्ता का स्वरूप
भारत सरकार ने भी इस मुद्दे पर स्पष्ट किया है कि:
- संघर्ष विराम किसी एक व्यक्ति या देश द्वारा नहीं बल्कि दोनों देशों की द्विपक्षीय वार्ता द्वारा तय होता है।
- यह समझौता व्यक्तिगत दावों से ऊपर एक दोस्ताना और सहयोगात्मक प्रक्रिया है।
इस बयान के माध्यम से भारत ने अपनी संपूर्ण संप्रभुता और आत्मनिर्णय को पुनः रेखांकित किया है और यह सुनिश्चित किया कि देश की आंतरिक और विदेश नीति पर किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को अस्वीकार किया जाता है।
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