विशेषज्ञ डेविड गोल्डविन ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर लगाए गए तेल प्रतिबंधों का कोई खास असर नहीं हुआ है। गोल्डविन के अनुसार, दिल्ली पर ट्रंप के इस दबाव का असर नगण्य है और भारत ने इस मामले में अपनी नीति में कोई बदलाव नहीं किया है।
उन्होंने यह भी बताया कि भारत अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए विविध स्रोतों पर निर्भर है, जिससे किसी एक स्रोत पर प्रतिबंध लगाने से उसका प्रभाव सीमित रहता है। इसके अलावा, गोल्डविन का मानना है कि अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को भारत ने आसानी से पार कर लिया है और तेल निर्यातकों ने अपनी रणनीतियों को समायोजित कर लिया है।
डेविड गोल्डविन के विचार
- दिल्ली पर ट्रंप के दबाव का कोई प्रासंगिक प्रभाव नहीं देखा गया।
- भारत ने अपनी ऊर्जा नीति में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया है।
- तेल प्रतिबंध अमेरिका की नीतियों में अपेक्षित असर नहीं डाल पा रहे हैं।
- भारत अपनी तेल आवश्यकताओं के लिए वैकल्पिक स्रोत तलाश रहा है।
निष्कर्ष, डेविड गोल्डविन की राय में, अमेरिका के तेल प्रतिबंधों का भारत पर कोई खास असर नहीं पड़ रहा और यह दबाव सफल नहीं हो रहा है। भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास कर रहा है, जिससे अमेरिकी प्रतिबंध अप्रभावी साबित हो रहे हैं।
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