नई दिल्ली। 1970 से 2010 के बीच भारत के अधिकांश हिस्सों में बाढ़ की तीव्रता में गिरावट आई है। यह निष्कर्ष IIT दिल्ली और IIT रूड़की के वैज्ञानिकों द्वारा संचालित एक नवीनतम अध्ययन से प्राप्त हुआ है।
अध्ययन के मुख्य बिंदु
- बाढ़ की घटनाओं की संख्या और विनाशकारी क्षमता दोनों में कमी आई है।
- कम होने का कारण प्राकृतिक और मानवजनित कारकों का सम्मिलित प्रभाव है, जिसमें नदियों का प्रबंधन और बेहतर बाढ़ नियंत्रण रणनीतियाँ मुख्य हैं।
- बाढ़ की तीव्रता में कमी लोगों की जान और संपत्ति की सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
भविष्य के लिए चेतावनी और सुझाव
शोधकर्ताओं ने यह भी बताया कि जलवायु परिवर्तन के कारण भविष्य में बाढ़ के पैटर्न में परिवर्तन संभव है। इसलिए:
- सतत् निगरानी की आवश्यकता है।
- बेहतर तैयारी और नीति सुधार अनिवार्य हैं।
यह अध्ययन भारत में बाढ़ प्रबंधन नीति में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शक साबित हो सकता है। अधिक गहराई से जानकारी के लिए अध्ययन टीम की आगामी रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
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