नई दिल्ली। हाल ही में ईरान-इज़राइल संघर्ष ने भारत की रक्षा क्षेत्र पर नई उम्मीदें जगाईं हैं। इस तनाव ने स्पष्ट कर दिया कि भारत अपनी तेल और हथियारों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अभी भी आयात पर निर्भर है। साथ ही, इस स्थिति ने भारत की घरेलू रक्षा तकनीकों को बढ़ावा देने की जरूरत को प्रमुखता से उजागर किया है।
भारत ने पिछले कुछ वर्षों में रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता पर खासा जोर दिया है। सरकार ने कई पहल शुरू की हैं ताकि देश के रक्षा क्षेत्र में विदेशी निर्भरता कम हो और घरेलू तकनीकों को मजबूत किया जा सके। इसमें शामिल हैं:
- आधुनिक हथियारों और तकनीकी उपकरणों का विकास
- स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देना
- क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए नई रणनीतियाँ अपनाना
विशेषज्ञों का मानना है कि ईरान-इज़राइल संघर्ष ने भारत को उसकी रक्षा तैयारियों पर पुनर्विचार करने और आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाने की प्रेरणा दी है। ये कदम देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लंबे समय में फायदेमंद साबित होंगे।
भारत की रक्षा इंडस्ट्री में आने वाली नई संभावनाओं और चुनौतियों पर नजर बनाए रखी जा रही है।
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