नई दिल्ली: भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ता अपने अंतिम चरण में है, लेकिन इसे सफल बनाने के लिए राजनीतिक समर्थन की आवश्यकता है। दोनों देशों के व्यापार विशेषज्ञों ने बताया है कि एक अंतरिम व्यापार समझौता पर सहमति बनने के बाद, भारत चाहता है कि अमेरिका सभी मौजूदा और संभावित प्रत्युत्तरात्मक शुल्कों को वापस ले, जिसमें 26% पारस्परिक शुल्क भी शामिल है।
यह कदम दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूती प्रदान करेगा और आर्थिक सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि राजनीतिक इच्छाशक्ति और समर्थन के बिना इन वार्ताओं को सकारात्मक परिणाम तक पहुंचाना कठिन होगा।
दिल्ली में यह वार्ता दोनों देशों की आर्थिक प्राथमिकताओं और हितों को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ रही है। यह समझौता न केवल व्यापार बाधाओं को कम करेगा बल्कि दोनों देशों के व्यापारियों और उपभोक्ताओं के लिए भी लाभकारी होगा।
भारत-अमेरिका के बीच यह सहयोग वैश्विक अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
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