अमेरिका द्वारा ईरानी परमाणु सुविधाओं पर हवाई हमलों के बाद वैश्विक तेल और गैस बाजारों में अस्थिरता बढ़ गई है। यह स्थिति भारत के लिए चिंता का विषय है क्योंकि देश अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए महत्वपूर्ण रूप से तेल आयात पर निर्भर है।
ईरान और मध्य पूर्व क्षेत्र में तनाव बनने से तेल आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हो रही है, जिससे मूल्य में उत्कर्ष और गिरावट का सिलसिला जारी है।
भारत के लिए तेल आयात में विविधता लाने के कारण
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को अपनी तेल आयात की रणनीति में विविधता लानी चाहिए और विभिन्न स्रोतों से तेल खरीदने पर ध्यान देना चाहिए, जिससे आपूर्ति और मूल्य के जोखिम कम हों।
इसका महत्व निम्नलिखित कारणों से है:
- आपूर्ति में बाधा आने पर निर्भरता कम करना
- तेल की कीमतों में अनियमितताओं को नियंत्रित करना
- आर्थिक स्थिरता बनाए रखना
- ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना
भारत को करने वाली मुख्य नीतिगत कदम
भारत को निम्नलिखित देशों से अपने संबंध मजबूत करने की जरूरत है:
- रूस
- अमेरिका
- अरब देश
- अन्य आपूर्तिकर्ता देश
यह संबंध मजबूत करने से भारत न केवल आपूर्ति सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि वैश्विक बाजार की अनिश्चितताओं से बेहतर मुकाबला भी कर पाएगा।
भारत की ऊर्जा जरूरतों को देखते हुए यह नीतिगत बदलाव आवश्यक है।
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