नई दिल्ली में ऑपरेशन सिंधु के तहत एक महत्वपूर्ण कार्यवाही की गई, जिसके अंतर्गत भारत ने ईरान और इजराइल से कुल 3100 से अधिक नागरिकों को सुरक्षित निकाला। यह ऑपरेशन भारत सरकार की तत्कालीन और सुसंगत रणनीति का एक उदाहरण है, जो विदेशी परिस्थितियों में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा पर केंद्रित है।
इस ऑपरेशन के माध्यम से, भारत ने अपने नागरिकों की जल्दी और सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की, जो विभिन्न कारणों से ईरान और इजराइल में फंसे हुए थे। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय और संबंधित एजेंसियों ने इस सफलता में प्रमुख भूमिका निभाई।
ऑपरेशन सिंधु के प्रमुख पहलू
- सुरक्षा और बचाव: ऑपरेशन का प्रमुख उद्देश्य भारत के नागरिकों को खतरों से बचाना था।
- संयुक्त प्रयास: ईरान और इजराइल दोनों देशों के साथ समन्वय स्थापित कर नागरिकों की वापसी की योजना बनाई गई।
- तत्कालता: समय पर सही निर्णय लेकर हजारों नागरिकों को संकट से बाहर निकाला गया।
भारत के विदेश नीति में ऑपरेशन सिंधु का महत्व
- नागरिक सुरक्षा को प्राथमिकता: यह ऑपरेशन भारत की विदेश नीति में नागरिक सुरक्षा को सर्वोच्च स्थान देने को दर्शाता है।
- वैश्विक साझेदारी: विभिन्न देशों के साथ संवाद और सहयोग बढ़ाने का उदाहरण पेश किया गया।
- संकट प्रबंधन क्षमता: जटिल स्थितियों में सम्पूर्ण रणनीति बनाकर उसे सफलतापूर्वक लागू करने की क्षमता प्रदर्शित की गई।
कुल मिलाकर ऑपरेशन सिंधु ने भारत की सामरिक और मानवतावादी क्षमताओं को मजबूती प्रदान की है, और यह सुनिश्चित किया कि भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाता है।
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