नई दिल्ली में आयोजित BRICS शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ एक कड़ी चेतावनी जारी की है। इस सम्मेलन में भारत की प्राथमिकता आतंकवाद के खिलाफ अपनी स्पष्ट और कठोर स्थिति को पुनः स्थापित करना और उभरती आर्थिक शक्तियों के साथ सहयोग को बढ़ावा देना है। हाल ही में हुए पलंगम हमले की कड़ी निंदा भी इस बैठक में शामिल की जाएगी, जो भारत की आतंकवाद के विरुद्ध कड़े रुख का प्रतीक है।
BRICS सम्मेलन में भारत की भूमिका
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में, भारत न केवल आतंकवाद के खिलाफ कट्टर विरोधी है, बल्कि वह आर्थिक और कूटनीतिक सहयोग को भी मजबूत करने पर जोर दे रहा है। इस सम्मेलन के माध्यम से भारत, BRICS देशों के साथ अपने संबंधों को और अधिक मजबूती प्रदान करेगा, जिससे वैश्विक स्तर पर उसकी भूमिका और प्रभाव बढ़ेगा।
सम्मेलन के मुख्य उद्देश्य
- आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष: भारत की कड़े रुख को सभी सदस्य देशों के सामने रखना।
- आर्थिक सहयोग: उभरती आर्थिक शक्तियों के साथ व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना।
- कूटनीति में सुधार: BRICS देशों के बीच बेहतर समझ और सहयोग स्थापित करना।
- क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता: सम्मेलन में लिए जाने वाले फैसले क्षेत्रीय एवं वैश्विक शांति कायम रखने में मदद करेंगे।
परिणाम एवं प्रभाव
यह दो दिवसीय सम्मेलन न केवल भारत की वैश्विक अहमियत बढ़ाएगा बल्कि स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर BRICS के साझा प्रयासों को भी मजबूती प्रदान करेगा। इसके द्वारा वैश्विक स्थिरता में महत्वपूर्ण योगदान की संभावना है।
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