नई दिल्ली: स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की रिपोर्ट के अनुसार, चीन तेजी से अपने नाभिकीय हथियारों का भंडार बढ़ा रहा है। हर साल चीन लगभग 100 नए नाभिकीय वारहेड जोड़ रहा है, जो भारत के नाभिकीय अस्त्र भंडार से कहीं अधिक है। यह विस्तार चीन की सैन्य ताकत और रणनीतिक स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
वहीं भारत ने अपनी नाभिकीय क्षमताओं को स्थिर बनाए रखा है और सावधानीपूर्वक वृद्धि पर ध्यान केंद्रित किया है। SIPRI की इस रिपोर्ट ने क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के दृष्टिकोण से चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि नाभिकीय हथियारों की दौड़ और तेज हो रही है।
विशेषज्ञों की प्रतिक्रियाएं
- इस बढ़ोतरी से पड़ोसी देशों के बीच तनाव और सुरक्षा चुनौतियां बढ़ सकती हैं।
- चीन की इस तेजी का असर सीधे तौर पर दक्षिण एशिया की स्थिरता पर पड़ सकता है।
- क्षेत्रीय देशों को सतर्क रहकर अपने रणनीतिक कदम उठाने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष: चीन द्वारा नाभिकीय हथियारों के भंडार में इस तीव्र वृद्धि ने क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव डाला है। यह स्थिति दक्षिण एशिया में रणनीतिक समीकरणों को प्रभावित कर सकती है, जिससे सुरक्षा और स्थिरता के लिए चुनौतियां उत्पन्न हो सकती हैं।
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