बाँकू, अज़रबैजान: COP29 सम्मेलन में भारत ने विकसित देशों को जलवायु वित्त के मामले में कड़ी जवाबदेही के लिए मजबूर कर दिया है। पिछले साल अज़रबैजान के बाँकू में आयोजित इस सम्मेलन में विकसित देशों ने 2035 तक सालाना कम से कम 300 अरब अमेरिकी डॉलर जलवायु वित्त जुटाने का वादा किया था।
इस मुद्दे पर भारत ने सक्रिय भूमिका निभाई और विश्व समुदाय को प्रेरित किया कि यह वित्तीय लक्ष्य यथाशीघ्र पूरा किया जाए। जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए आवश्यक वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता विकासशील देशों के लिए एक बड़ी चुनौती है।
भारत की पहल के प्रभाव
- वित्तीय समर्थन की राह स्पष्ट हुई है।
- वैश्विक जलवायु कार्यों में मजबूती आई है।
- विश्व स्तर पर जलवायु कार्रवाई प्रभावी हुई है।
- जलवायु वित्त पर जारी गतिरोध को तोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से विश्व समुदाय को नई उम्मीदें मिली हैं और यह अन्य विकासशील देशों के लिए भी एक प्रेरणा बन रही है।
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