यमन में हत्या के आरोप में मृत्युदंड की सजा पाई भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की सजा अब रद्द कर दी गई है। यह फैसला भारत के ग्रैंड मूफ्टी शेख अबुबकर की हस्तक्षेप और उनके परिवार की अपीलों के बाद लिया गया है। निमिषा प्रिया को 2020 में दोषी ठहराया गया था और तब से उनके खिलाफ कानूनी लड़ाई जारी थी।
ग्रैंड मूफ्टी की पहल और बदलाव
निमिषा प्रिया के मामले में यह महत्वपूर्ण बदलाव एक नई उम्मीद लेकर आया है। ग्रैंड मूफ्टी शेख अबुबकर के कार्यालय की ओर से पुष्टि की गई कि उन्होंने यमन के अधिकारियों से इस मामले में पहल की, जिससे सजा पलटने में मदद मिली। यह कदम भारतीय समुदाय और निमिषा के परिवार के लिए बड़ी राहत है।
प्रभाव और आगे की राह
यह घटना भारत और यमन के बीच कानूनी और कूटनीतिक संबंधों को भी प्रभावित कर सकती है। निमिषा की सजा रद्द होना उनके लिए एक नई जिंदगी की शुरुआत साबित होगा।
मुख्य पक्ष:
- भारत के ग्रैंड मूफ्टी की सक्रिय भूमिका
- यमन के अधिकारियों द्वारा सजा रद्द
- निमिषा प्रिया और उनके परिवार के लिए राहत
- भारत-यमन के बीच कूटनीतिक संबंधों पर सकारात्मक प्रभाव
भारतीय विदेश मंत्रालय और संबंधित अधिकारी इस मामले पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं।
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