बांग्लादेश अपनी रणनीतिक स्थिति को मजबूत करने के लिए द्वितीय विश्व युद्ध के युग के लालमोनीरहाट एयर बेस को पुनर्जीवित करने जा रहा है, जिसमें उसे चीनी सहायता प्राप्त होगी। यह एयर बेस रंगपुर प्रभाग में स्थित है और इसके पुनर्जीवन से क्षेत्रीय सुरक्षा और सामरिक संतुलन पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है।
भारत ने इस कदम के जवाब में 1971 के युद्ध के दौरान इस्तेमाल किए गए एयर बेस को पुनः सक्रिय करने की योजना बनाई है ताकि:
- अपनी सैन्य उपस्थिति मजबूत कर सके।
- बांग्लादेश के इस कदम का प्रभावी जवाब दे सके।
- क्षेत्रीय टकराव की संभावना को नियंत्रित कर सके।
भारतीय अधिकारियों का मानना है कि चीनी समर्थन से बांग्लादेश का यह कदम क्षेत्रीय टकराव को बढ़ावा दे सकता है, जिससे:
- सामरिक संतुलन बनाए रखना कठिन हो सकता है।
- सीमा पार सुरक्षा खतरों का सामना करना पड़ सकता है।
यह स्थिति दोनों देशों के बीच नए प्रकार की गतिशीलता उत्पन्न कर सकती है, जो दक्षिण एशिया के क्षेत्रीय राजनीति पर गहरा प्रभाव डाल सकती है।
सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, इस समय इस कदम को भारत के लिए सामरिक आवश्यकता माना जा रहा है ताकि परस्पर संतुलन कायम रखा जा सके और सामरिक चुनौतियों का सामना किया जा सके।
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