उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में एक महत्वपूर्ण संदेश दिया कि भारत की समृद्धि का सबसे पहला आधार शिक्षा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के बाद ही स्वास्थ्य, कृषि, जल संसाधन, कौशल विकास, रोजगार और पर्यावरणीय संतुलन जैसे क्षेत्र विकास के लिए आवश्यक हैं।
मुख्यमंत्री ने समाज से गुलामी की मानसिकता छोड़ने का आग्रह किया और बताया कि केवल शिक्षा के माध्यम से ही हम आत्मनिर्भर भारत का निर्माण कर सकते हैं। शिक्षा से मिली जागरूकता और कौशल व्यक्ति तथा समाज को सशक्त बनाते हैं।
उन्होंने किसानों, युवाओं और सभी वर्गों को प्रेरित किया कि वे:
- शिक्षा को अपनाएं
- कौशल विकास पर ध्यान दें
ताकि वे आर्थिक और सामाजिक दोनों रूप से प्रगतिशील बन सकें।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने एक पौधा भी लगाया, जो उनकी पर्यावरणीय प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने दृढ़ता से कहा कि विकास की नींव जब ठोस होगी तभी देश आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत बन पाएगा।
योगी आदित्यनाथ के इस संदेश ने शिक्षा को भारत के विकास में केंद्रीय भूमिका प्रदान करने को पुनः बल दिया है। उन्होंने जोर दिया कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए:
- सभी नागरिकों को गुलामी की मानसिकता से ऊपर उठना होगा
- नई सोच और प्रगतिशील दृष्टिकोण अपनाना होगा
यह संदेश भारत की प्रगति के मार्ग में एक महत्वपूर्ण प्रेरणा है।
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