मुंबई। विश्व पर्यावरण दिवस 2025 के अवसर पर, भारत ने प्राकृतिक संसाधनों और पर्यावरण की रक्षा के लिए कई कड़े नियम लागू किए हैं। ये नियम न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देते हैं, बल्कि सतत विकास को भी सुनिश्चित करते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इनमें पारिस्थितिक संरक्षण अधिनियम, जल गुणवत्ता नियंत्रण नियम, और वायु प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम जैसे महत्वपूर्ण कानून शामिल हैं।
भारत सरकार ने वन संरक्षण, जल संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण के लिए व्यापक दिशानिर्देश बनाए हैं। साथ ही, प्लास्टिक कचरे को कम करने के लिए भी सख्त नियम लागू किए गए हैं, जो समुद्री जीवन और पृथ्वी की जैव विविधता को संरक्षित करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए नीतियां भी विशेष रूप से प्रभावी रही हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि इन नियमों के पालन से पर्यावरण की गुणवत्ता में सुधार होगा और भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ ग्रह सुनिश्चित होगा। यह कदम भारत की पर्यावरण संरक्षण दिशा में बड़ी पहल मानते हैं।
इस विश्व पर्यावरण दिवस पर, हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह इन नियमों का सम्मान करे और अपने आस-पास की प्रकृति की रक्षा में योगदान दे।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- पारिस्थितिक संरक्षण अधिनियम एवं जल गुणवत्ता नियंत्रण नियम जैसे कानून लागू।
- प्लास्टिक कचरे को कम करने के लिए सख्त नियम।
- वन संरक्षण और जल संरक्षण के लिए व्यापक दिशानिर्देश।
- हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने वाली नीतियाँ।
- पर्यावरण के प्रति हर नागरिक की जिम्मेदारी।
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