संयुक्त राज्य अमेरिका ने भारत पर रूसी तेल की खरीद के चलते अतिरिक्त 25% शुल्क लगाने का निर्णय लिया है। यह कदम रूस पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को सख्ती से लागू करने के लिए उठाया गया है। अमेरिकी प्रशासन का मानना है कि भारत के द्वारा रूसी तेल की निरंतर आयात प्रतिबंधों की अवहेलना है, जिससे वैश्विक ऊर्जा बाजार में अस्थिरता आ सकती है।
इस अतिरिक्त शुल्क के माध्यम से अमेरिका यह संदेश देना चाहता है कि रूस से तेल खरीदने वाले देश इस प्रकार के कदमों की कीमत भुगतेंगे। भारत और अन्य देशों की प्रतिक्रिया इस फैसले के बाद महत्वपूर्ण बनी हुई है, जो भविष्य की वैश्विक ऊर्जा आर्थिक नीतियों को प्रभावित कर सकती है।
ज़्यादा कहानियां
मृदुल शर्मा होंगे ‘यही भारत की बात है’ कार्यक्रम के नए प्रमुख एंकर
जुलाई में म्यूचुअल फंड AUM में 1.27% की मजबूती, निवेशकों का विश्वास बढ़ा
म्यूचुअल फंड में जुलाई में जोरदार वृद्धि, AUM 75 लाख करोड़ के पार