विदेश मामलों पर संसदीय स्थायी समिति की बैठक में भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य संघर्ष और सीजफायर पर गहन चर्चा हुई। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने स्पष्ट किया कि यह संघर्ष पारंपरिक स्तर पर रहा और परमाणु धमकी की कोई बात नहीं हुई।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की भूमिका
सरकार ने कहा कि सैन्य कार्रवाई रोकने का निर्णय द्विपक्षीय स्तर पर लिया गया था, न कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से। कुछ सांसदों ने ट्रंप प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाए, लेकिन विदेश सचिव ने स्थिति स्पष्ट की।
संसदीय समिति की बैठक
बैठक काफी व्यापक और समृद्ध रही, जिसमें 24 सदस्यों ने भाग लिया जो कि एक रिकॉर्ड है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बैठक की विस्तार से जानकारी दी और बताया कि यह चर्चा सामान्य से एक घंटे अधिक चली।
पाकिस्तान और चीनी मंचों का मुद्दा
संसदीय समिति में यह भी खत्सा हुआ कि क्या पाकिस्तान ने चीनी मंचों का इस्तेमाल किया। विदेशी सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि इसका कोई खास महत्व नहीं क्योंकि भारतीय सेना ने पाकिस्तानी हवाई ठिकानों को तबाह कर दिया था।
ऑपरेशन सिंदूर
यह बैठक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संदर्भ में हुई, जो पहलगाम हमले के बाद शुरू किया गया था। बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के महत्वपूर्ण मुद्दों पर सभी दलों ने भाग लिया।
टीएमसी का موقف
टीएमसी के अभिषेक बनर्जी ने स्पष्ट किया कि पार्टी से कौन प्रतिनिधि जाएगा, यह भाजपा का फैसला नहीं है।
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