नई दिल्ली, 22 जून 2024: सर्वोच्च न्यायालय ने पर्यावरण संरक्षण से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले में ऐतिहासिक निर्णय दिया है। यह फैसला देश की पर्यावरण नीति और औद्योगिक गतिविधियों पर व्यापक प्रभाव डालने वाला है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि विकास कार्यों के दौरान पर्यावरण की सुरक्षा सर्वोपरि होगी
घटना क्या है?
सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ ने ऑक्सीजन गुणवत्ता को लेकर नागरिकों की याचिका पर सुनवाई की। याचिका में बताया गया था कि कई औद्योगिक इकाइयों के कारण वायु प्रदूषण में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ी हैं। कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को सख्त निर्देश दिए कि वे पर्यावरण सुरक्षा कानूनों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें।
कौन-कौन जुड़े?
इस मामले में मुख्य पक्ष निम्नलिखित थे:
- केंद्र सरकार का पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
- राज्य सरकारें
- संबंधित उद्योग समूह
- सामाजिक संगठन
सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों के साथ विस्तृत बहस कर स्थिति की समीक्षा की।
आधिकारिक बयान और दस्तावेज़
सरकार ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण के लिए ₹5000 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है तथा नए वाहन उत्सर्जन मानक (BS-VI) लागू किए जा चुके हैं। न्यायालय ने आदेश जारी किया है कि सभी राज्यों को 30 सितंबर 2024 तक प्रदूषण नियंत्रण उपकरण स्थापित करना होगा।
पुष्टि-शुदा आँकड़े
- वायु गुणवत्ता नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, बीते पांच वर्षों में औद्योगिक प्रदूषण में 18% वृद्धि हुई है।
- कोर्ट ने नोट किया कि पिछले वर्ष वायु प्रदूषण के कारण लगभग 15,000 लोगों की मृत्यु हुई है।
तत्काल प्रभाव
अभी से केंद्र और राज्य सरकारों ने पर्यावरण संरक्षण के लिए नई योजनाएँ शुरू कर दी हैं। उद्योगों में सुधार प्रक्रिया तेज हुई है एवं कई औद्योगिक इकाइयों ने प्रदूषण रोधी तकनीक अपनाना शुरू किया है। आम जनता में पर्यावरण जागरूकता भी बढ़ी है।
प्रतिक्रियाएँ
- सरकार ने इस फैसले का स्वागत किया और इसे पर्यावरणीय सुरक्षा का मील का पत्थर बताया।
- विपक्ष ने सरकार को और ठोस कदम उठाने का सुझाव दिया।
- पर्यावरण विशेषज्ञों ने निर्णय को सकारात्मक बताया, जिससे लंबी अवधि में स्वस्थ जीवन संभव होगा।
- उद्योग संगठनों ने कुछ चुनौतियों की ओर ध्यान दिलाया, लेकिन नियमों के पालन की सहमति जताई।
आगे क्या?
न्यायालय ने अगली सुनवाई के लिए 15 नवंबर 2024 की तारीख तय की है। तब तक सरकारों को पर्यावरण मानकों के कड़ाई से पालन की रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।
सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से भारत की पर्यावरण नीति में बदलाव के नए आयाम खुलेंगे, जो देश को स्वच्छ एवं सुरक्षित बनाने में सहायता करेंगे।
ज़्यादा कहानियां
लोकसभा में डेटा संरक्षण विधेयक पारित: क्या जानना ज़रूरी है?
सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण संरक्षण के लिए अहम निर्णय सुनाया
सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण संरक्षण के लिए नया दिशानिर्देश जारी किया