नई दिल्ली में 5 अप्रैल 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया। यह फैसला पर्यावरणीय सुधारों और दुष्प्रभावों को रोकने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। यह कदम देश की पर्यावरण नीतियों को और मजबूत बनाने का संकेत है।
घटना क्या है?
सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में पर्यावरण संरक्षण को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इस मामले में अदालत ने पर्यावरणीय क्षति को रोकने और सतत विकास को सुनिश्चित करने के लिए कड़े प्रावधान लागू करने का आदेश दिया। अदालत की यह पहल देश के पर्यावरणीय सुधारों के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
कौन-कौन जुड़े?
- सुप्रीम कोर्ट
- पर्यावरण, वन एवं जलवायु बदलाव मंत्रालय (Ministry of Environment, Forest and Climate Change)
- विभिन्न पर्यावरणीय संगठन
- प्रभावित नागरिक
- केंद्रीय एवं राज्य सरकारें
कोर्ट के निर्देशों को केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को भी लागू करना अनिवार्य है।
आधिकारिक बयान/दस्तावेज़
सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि परियोजनाओं को मंजूरी देने से पहले पर्यावरणीय प्रभावों का समुचित आकलन किया जाना चाहिए। आदेश में पर्यावरणीय clearances के नियमों को कड़ा करने का निर्देश दिया गया है। मंत्रालय ने एक प्रेस रिलीज़ में इस आदेश का स्वागत किया और कहा कि यह निर्णय पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम है।
पुष्टि-शुदा आँकड़े
- पिछले पाँच वर्षों में पर्यावरणीय प्रदूषण में 12% की वृद्धि हुई है, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है।
- उसी अवधि में पर्यावरण संरक्षण परियोजनाओं में 15% वृद्धि हुई है, लेकिन यह अभी पर्याप्त नहीं है।
तत्काल प्रभाव
यह निर्णय परियोजनाओं के लिए पर्यावरणीय मंजूरी प्रक्रिया को कड़ा करेगा, जिससे कई औद्योगिक और निर्माण गतिविधियों की समय सीमा प्रभावित हो सकती है। इससे पर्यावरण सुधार और सतत विकास को बल मिलेगा। आम नागरिकों के लिए यह स्वच्छ और सुरक्षित पर्यावरण सुनिश्चित करेगा। आर्थिक दृष्टि से, इसे दीर्घकालिक स्थिरता की ओर कदम माना जा रहा है।
प्रतिक्रियाएँ
- सरकार ने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह पर्यावरण संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का संकेत है।
- विपक्ष ने भी इस फैसले का समर्थन किया है।
- पर्यावरण विशेषज्ञों ने इसे देश में बदलाव लाने वाला निर्णय बताया।
- उद्योग निकायों ने कुछ प्रक्रियाओं में परिवर्तन की चुनौती स्वीकार की है।
- जनता में व्यापक सकारात्मक प्रतिक्रिया देखी गई है।
आगे क्या?
सरकार और संबंधित विभाग कोर्ट के निर्देशानुसार अगले छह महीनों में नई पर्यावरण नीति तैयार करेंगे। इसके तहत पर्यावरणीय मानकों और परमिट प्रक्रिया में सुधार किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर अगले वर्ष पुनर्विचार की भी बात कही है।
यह फैसला भारत के पर्यावरण संरक्षण के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा।
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