हैदराबाद: सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान की मजबूती पर चीन के अहम प्रभाव को लेकर महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान चीन के समर्थन के बिना अधूरा और कमजोर है।
ओवैसी ने बताया कि चीन के समर्थन से पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के फैसले में पा हलगाम हमले के मामले में ट्रांस-राष्ट्रवादी फ़्रंट (TRF) के नाम को शामिल होने से रोक दिया।
यह बयान असदुद्दीन ओवैसी ने हाल ही में एक संवाददाता सम्मेलन में दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह की राजनीतिक मदद से ही पाकिस्तान वैश्विक स्तर पर अपनी पकड़ बनाए रख पाता है।
ओवैसी का यह बयान भारत-पाकिस्तान और चीन के बीच चल रहे राजनीतिक समीकरणों को उजागर करता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि चीन के बिना पाकिस्तान की सीमाएं और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उसकी भूमिका कमजोर हो जाएगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार के बयान आने वाले समय में दक्षिण एशियाई राजनीति में नई हलचल ला सकते हैं। भारत में कई लोगों ने ओवैसी की इस बात को सत्य माना है जो क्षेत्रीय सुरक्षा और राजनीति के संदर्भ में महत्त्वपूर्ण है।
मुख्य बिंदु:
- पाकिस्तान की मजबूती में चीन का अहम योगदान
- चीन ने UNSC में TRF के नाम को शामिल होने से रोका
- ओवैसी का मानना कि चीन के बिना पाकिस्तान कमजोर होगा
- दक्षिण एशियाई राजनीतिक समीकरणों में इस बयान का प्रभाव
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