हॉर्मुज जलडमरूमध्य भारत के लिए एक महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग है, क्योंकि यहां से प्रतिदिन लगभग 1.5 मिलियन बैरल कच्चा तेल देश में आता है। हाल ही में, अमेरिका और ईरान के बीच तनाव के कारण इस जलडमरूमध्य को बंद किए जाने की संभावना सामने आई है, जिससे भारत की तेल आपूर्ति प्रभावित हो सकती है।
भारत की तैयारी और रणनीति
इस संभावित बंद के मद्देनजर भारत पहले से ही निम्नलिखित कदम उठा रहा है:
- आपूर्तिकर्ताओं का विस्तार: भारत अन्य देशों से तेल आयात बढ़ाने पर जोर दे रहा है ताकि आपूर्ति में स्थिरता बनी रहे।
- सप्लाई डाइवर्सिफिकेशन: यह रणनीति अप्रत्याशित आपूर्ति संकट से निपटने में मददगार साबित हो सकती है।
- ऊर्जा सुरक्षा: विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करेगा।
संभावित प्रभाव और अवसर
हॉर्मुज जलडमरूमध्य के बंद होने की स्थिति में जो प्रभाव और अवसर सामने आ सकते हैं, वे हैं:
- तेल की आपूर्ति में अस्थिरता, जिससे ईंधन की कीमतें बढ़ सकती हैं।
- अन्य आपूर्तिकर्ताओं से आयात बढ़ाकर आर्थिक स्थिरता बनाए रखने का प्रयास।
- नई व्यावसायिक साझेदारियों और आपूर्ति स्रोतों को खोजने का अवसर।
इस प्रकार, यह चुनौती भारत के लिए नई रणनीतियाँ अपनाने और ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने का अवसर भी प्रदान करती है। हॉर्मुज जलडमरूमध्य के संभावित बंद पर सभी की नजरें टिकी हैं।
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